जहाँगीर मलिक
आचार्य बालकृष्ण का कोरोनिल दवा को लेकर बड़ा ब्यान कहा हमने नियम और कानून के दायरे में औषधि का निर्माण किया
पंतजलि योगपीठ द्वारा कोरोना संक्रमण की दवाई बनाने की घोषणा किए जाने के बाद आयुष मंत्रालय द्वारा पंतजलि योगपीठ को नोटिस जारी किया गया है। नोटिस जारी किए जाने के बाद आज पहली बार पतंजलि के सीईओ आचार्य बालकृष्ण ने इस बारे में अपना वक्तव्य रखा है। आचार्य बालकृष्ण के अनुसार पतंजलि योगपीठ ने कोरोना संक्रमण की दवाई को बनाने में पूरी प्रक्रिया का पालन किया है। और जो परिणाम रिसर्च में सामने आए है। उन परिणामो को देश के सामने रखने का प्रयास किया है। आचार्य बालकृष्ण ने कोरोना संक्रमण की दवाई का विज्ञापन किए जाने की बात को भी नाकारा है।
पतंजलि के सीईओ आचार्य बालकृष्ण का कहना है। कि कोरोनिल और क्लिनिक कंट्रोल ट्रायल के विषय मे जो हमे सीटीआरआई से अप्रूवल लेना होता है। हमारे द्वारा वह लिया गया है। और पूरी प्रक्रिया का पालन करते हुए हमने इस कार्य को अच्छी तरह से पूरा किया गया है। रिसर्च में जो परिणाम आए उन्हें हमने देशवासियो के सामने रखने का प्रयास किया है। जिसको विज्ञापन कहा गया वस्तुतः वह विज्ञापन नही था। क्लीनिक कंट्रोल ट्रायल का जो रिजल्ट था। वह लोगो के सामने रखने के लिए कर्यक्रम का आयोजन किया गया था। उस दिन किसी भी तरह औषधि का विज्ञापन नही अपितु उस औषधि के प्रभाव को लोगो को बताने का कार्य पतंजलि के माध्यम से किया गया था।औषधि के लाइसेंस पर आचार्य बालकृष्ण का कहना है। कि जिन औषधि के मिश्रण से दवाई बनाई गई है। उन सभी औषधियों का लाइसेंस हमारे पास पहले से है। और इन औषधियों को लेकर हमारे द्वारा कोरोना पर प्रयोग किया गया। लाइसेंस के आधार पर हमने औषधि की निर्माण बखूभी किया है। जो दावा लाइसेंस में हमारे द्वारा किया गया है। उसके अतिरिक्त हमारे द्वारा कोई दावा नही किया गया है। इस मामले में वाद विवाद की बजाय इस रिसर्च के परिणामो पर चर्चा करनी चाहिए। यह आयुर्वेद के लिए भी अच्छा होगा।
वही दूसरे राज्यो में कोरोना संक्रमण की दवाई को लेकर हो रहे विवाद पर आचार्य बालकृष्ण का कहना है। कि हमने नियम और कानून के दायरे में औषधि का निर्माण किया है। जानबूझ कर इस तरह की बात करने वाले जनता का अहित कर रहे है। जनता की सेवा करना हमारा धर्म है। हम उसमे लगे है। और हमेशा जनता की सेवा करते रहेंगे