देव दीवाली पर ग्यारह हजार दीपक से जगमगाई हर की पौड़ी
हरिद्वार
कार्तिक पूर्णिमा की पूर्व संध्या पर देव दीपावली धूमधाम से मनाई गई। इस मौके पर हरकी पैड़ी पर हजारों दीप जलाने के साथ आतिशबाजी भी की गई। मान्यता है। कि इस दिन देवता दिवाली मनाते हैं। पुराणों के अनुसार देव दिवाली के दिन ही भगवान विष्णु को बलीराजा से मुक्ति मिली थी। और वह स्वर्ग पधारे थे। जिसके बाद सारे देवताओं ने दीप जलाकर खुशियां मनाई थी। इसलिए कार्तिक पूर्णिमा की पूर्व संख्या पर देव दिवाली मनाई जाती है। श्रीगंगा सभा के महामंत्री तन्मय वशिष्ठ ने बताया कि हरकी पैड़ी ब्रह्मकुंड एक अलौकिक स्थान है। इस स्थान पर हजारों दीप जलने का दृश्य बहुत ही अद्भुत होता है।
वही अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष रविंद्रपुरी महाराज ने कहा कि हमारे द्वारा अगले साल सभी मंदिरों और तीर्थ स्थलों में देव दीपावली बनाने का आग्रह किया जाएगा। जिस तरह हरकी पौड़ी पर आज देव दिवाली मनाई गई है। उसी तरह हमारे धार्मिक स्थानों पर भी इसी तरह देव दिवाली बनाई जाएगी।
देव दिवाली के मौके पर हरकी पैड़ी पर पहुंचे हजारों श्रद्धालु खुश नजर आए। श्रद्धालुओं का कहना है। कि हरकी पैड़ी पर आकर उन्हें काफी अच्छा लगा ऐसा नजारा उन्होंने पहली बार देखा है। यह नज़ारा देखकर हमें बहुत अच्छा लग रहा है। कई हजारों दीपक जलते देख और आसमानों में आतिशबाजी देखकर ऐसा लग रहा जैसे हम सब दीपावली बना रहे हो।