
हरिद्वार
चैत्र नवरात्र का विशेष महत्व रहता है। यह भक्तों की आस्था और विश्वास का प्रतीक है। देवी दुर्गा जी की पूजा प्राचीन काल से ही चली आ रही है। भगवान श्री राम जी ने भी विजय की प्राप्ति के लिए माँ दुर्गा जी की उपासना कि थी। ऐसे अनेक पौराणिक कथाओं में शक्ति की अराधना का महत्व व्यक्त किया गया है। इसी आधार पर आज भी माँ दुर्गा जी की पूजा संपूर्ण भारत वर्ष में बहुत हर्षोउल्लास के साथ की जाती है। वहीं हरिद्वार में भी भगवती के सिद्ध पीठो की चर्चा पौराणिक कथाओ में भी है। कहा जाता है। की बावन शक्ति पीठो की शुरआत हरिद्वार से ही हुयी थी। देखिये
नौ दिनों तक चलने वाले नवरात्र पर्व में माँ दुर्गा के नौ रूपों क्रमशः शैलपुत्री, ब्रह्मचारिणी, चंद्रघंटा, कूष्मांडा, स्कंदमाता, कात्यायनी, कालरात्रि, महागौरी और सिद्धदात्री देवी की पूजा का विधान है। चैत्र मास में आने वाले इन नवरात्र को चैत्र नवरात्र भी कहा जाता है। आज पहले दिन माँँ शैलपुत्री की पूजा के लिए हरिद्वार के मंदिरों को सजाया गया है। लोगो ने घरो में माँ भगवती की स्थापना कर पूजा अर्चना शुरू कर दी है।
आज से चैत्र नवरात्र शुरू हो गये हैं। धर्मनगरी हरिद्वार मे माता के मंदिरो मे पहले नरवरात्र पर भक्तों की भीड उमड रही है। माता के प्रसिद्व मन्दिर सिद्ध पीठ मां माया देवी मन्दिर मे माता की पूजा करने के लिए सुबह से ही भक्तो की भीड उमड रही है। हरिद्वार की अधिष्ठात्री देवी और 52 शक्तिपीठो मे से एक मायादेवी मंदिर नवरात्रो के पहले दिन श्रद्वालुओ की आस्था का केन्द्र बना हुआ है । श्रद्वालु सुबह से ही माता के मन्दिर पहुच कर माता की पूजा अर्चना कर रहे है। दर्शन करने वाले श्रद्धालुओं का कहना है कि हमें दर्शन करके बहुत ही प्रसन्नता हुई कोरोना कल के बाद मंदिर में दर्शन करने से मन को बहुत शांति मिली हमने मां माया देवी मंदिर मैं दर्शन किए दर्शन करके हमने जो भी मां से मांगा वह हमें पहले भी मिला है और अभी हमने जो मांगा है वह भी मिलेगा मां माया देवी सभी की मनोकामनाएं पूर्ण करती है।