विषमुक्त खेती जीवन का आधार हैः आचार्य बालकृष्ण
पतंजलि विश्वविद्यालय सभागार में जैविक एवं प्राकृतिक खेती पर एक दिवसीय जागरूकता कार्यक्रम सम्पन्न हुआ, यह आयोजन राष्ट्रीय जैविक एवं प्राकृतिक खेती केंद्र, गाजियाबाद एवं पतंजलि जैविक अनुसन्धान संस्थान, हरिद्वार के संयुक्त तत्वाधान से हुआ, जिनमें हरिद्वार जनपद के विभिन्न गांवों से लगभग 500 किसानों ने भाग लिया।
इस अवसर पतंजलि योगपीठ के महामंत्री श्रद्धेय आचार्य बालकृष्ण जी ने अपने संबोधन में बताया कि विषमुक्त खेती जीवन का आधार है, उन्होंने इससे होने वाले फायदों और विषमुक्त अनाज की उपयोगिता के महत्व के बारे में भी बताया। उन्होंने जनपद हरिद्वार एवं राज्य के सभी किसानों को आवाह्न किया कि वह कम से कम अपने खाने के लिए विषमुक्त खेती करें, जिससे खेती की लागत में कमी आये तथा उनके परिवार पर होने वाले स्वास्थ्य खर्च में भी कमी आये।
डॉ. गगनेश शर्मा, निदेशक, राष्ट्रीय जैविक एवं प्राकृतिक खेती केंद्र, गाजियाबाद ने अपने संबोधन में बताया कि जैविक एवं प्राकृतिक खेती करने के साथ-साथ किसानों को गुणवत्तायुक्त उत्पादन के लिए जैविक प्रमाणीकरण करवाना भी आवश्यक है जिससे उन्हें जैविक एवं प्राकृतिक उपज का सही बाजार मूल्य मिल सके।
डॉ. एम.के. पालीवाल, उप निदेशक, एन.सी.ओ.एन.एफ. ने अपने संबोधन में जैविक एवं प्राकृतिक आदानो के महत्त्व एवं खेती में इनकी उपयोगिता के बारे में बताया। पीजीएस प्रमाणन और विपणन सम्बंधित जैविक खेती पोर्टल की जानकारी डॉ. सचिन वैद्य, एन.सी.ओ.एन.एफ. ने किसानों को दी।
इसी क्रम में श्री ए.के. उपाध्याय, संयुक्त निदेशक जैविक उत्तराखंड ने अपने संबोधन में विभिन्न सरकारी योजनाओं और कार्यक्रमों की जानकारी किसानों के साथ साँझा की।
इस अवसर पर सहारनपुर के प्रगतिशील किसान श्री गोपाल शर्मा ने वर्मी कम्पोस्ट, जैविक एवं प्राकृतिक उर्वरको के उत्पादन के लिए आस-पास की गोशालाओं से लाभों के बारे में बताया। इसी क्रम को जारी रखते हुए ग्राम स्तर पर एफपीओ/एफपीसी का गठन और मूल्यवर्धन की जानकारी श्रीमती हितेश चौधरी जी, अमरोहा (उ.प्र.) ने दी एवं उन्होंने अपने संबोधन में पतंजलि कृषक समृद्धि कार्यक्रम के अनुभवों को साँझा किया एवं महिला शक्ति से जैविक/प्राकृतिक खेती में आगे आने का आवाह्न किया एवं प्रदर्शनी में अपने एफ.पी.ओ. उत्पादों के बारे में भी जानकारी दी। किसानो से वार्तालाप के क्रम में हरिद्वार के किसान श्री खिलाराम आर्य, श्री जय प्रकाश धीमान, श्री संजय कुमार एवं अनिल पाण्डेय जी ने अपने अनुभव साँझा किये।
डॉ. वी.वाई. देवघरे ने कार्यक्रम के अंत में उपस्थिति सभी प्रियजनों का धन्यवाद किया। इस अवसर पर विभिन्न प्रदर्शनियाँ भी लगाई, जिनमे मुख्य रूप से खेत पर तैयार होने वाली प्राकृतिक खादों एवं कीटनाशकों की जानकारी श्री तरुण शर्मा, राज्य प्रभारी, उत्तराखंड ने दी, एवं अन्य प्रदर्शनियों में पतंजलि जैविक संस्थान के जैव-उत्पादो की जानकरी डॉ. आर. के. शुक्ला एवं टीम ने दी, पतंजलि मृदा परिक्षण किट (धरती का डाक्टर) एवं मृदा परिक्षण मशीन की जानकरी श्री शिवम् कुमार ने दी, पतंजलि समृद्धि कार्ड की जानकारी श्री अन्जय कुमार एवं टीम ने दी, पतंजलि स्टेशनरी की जानकरी पंकज स्वदेशी जी ने दी। इस कार्यक्रम में पतंजलि विश्वविद्यालय के शोध छात्र- छात्राओं ने भी प्रतिभाग किया। कार्यक्रम का लाईव प्रसारण आस्था चैनल के माध्यम से किया गया एवं अंत में किसानों को वर्मी कम्पोस्ट भी वितरित किया गया कार्यक्रम का संचालन श्री पवन कुमार मुख्य महाप्रबंधक, पतंजलि जैविक अनुसन्धान संस्थान, हरिद्वार द्वारा किया गया।
















