
मुख्यमंत्री आवास पर हरीश रावत करेंगे उपवास,लोकतंत्र की आवाज को दबाने के लिए ईडी और सीबीआई का भाजपा कर रही इस्तेमाल
हरिद्वार में होने वाले पंचायत चुनाव एक बार फिर पीछे हटने की संभावनाओं के चलते पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने धामी सरकार पर बड़ा हमला बोलते हुए 6 अगस्त को सीएम आवास के बाहर उपवास पर बैठने का ऐलान किया है हरीश रावत ने हरिद्वार में पत्रकारों से वार्ता करते हुए कहा कि भाजपा लोकतंत्र की हत्या करने पर तुली हुई है हरिद्वार में जिला पंचायत के चुनाव पिछले काफी समय से लटकाया जा रहा हैं कोई ना कोई बहाना बनाकर पंचायत चुनाव को सरकार लटकाना चाहती है अब जब पंचायत चुनाव की आस जगी थी तब एक बार फिर सरकार ने आरक्षण को लेकर मामला न्यायिक आयोग के पास भेजने का निर्णय लिया है उन्होंने कहा कि भाजपा हरिद्वार में पंचायत चुनाव में अच्छे जनसेवक को नहीं आने देना चाहती इस वजह से मनमाना आरक्षण एक नेता के इशारे पर किया गया है जो खुले तौर पर भाजपा लोकतंत्र की हत्या है वही कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष करण माहरा ने कहा कि आरक्षण को लेकर भाजपा ने नियमों का पालन नहीं किया है आरक्षण को नियमों को ताक पर रखकर लागू किया गया है जिससे सभी विपक्षी दल आहत हैं उन्होंने कहा कि कांग्रेस लोकतंत्र को जिंदा रखने के लिए आखरी सांस तक लड़ाई लड़ेगी
वहीं हरीश रावत ने कहा की सोनिया और राहुल तो ईडी का दबाव सहन भी कर लेंगे सवाल केवल व्यक्तियों का नहीं है वह जवाब भी दे देंगे क्योकि हाथ कंगन को आरसी क्या और पढ़े लिखे को फ़ारसी क्या जिस कंपनी से मुनाफा लिया ही नहीं जा सकता मुनाफा कमाया नहीं जा सकता है जिसको यंग इंडियन कहा जा रहा है वो कहीं मुनाफा कमाने वाली कंपनी नहीं है वो नॉन प्रोफिटिंग कंपनी है जिसमें ट्रांजैक्शन हुआ ही नहीं है तो आप कैसे मनी लॉन्डरिंग का मामला बनता है सरकार अपनी जिद में विपक्ष की आवाज को दबाने की कोशिश कर रही है। वही कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा का कहना है महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री नारायण राणे ने जिस दिन बीजेपी छोड़ी थी 6 दिन के अंदर सीबीआई की दबिश हो गई थी उसके बाद ईडी की जांच बैठी येदुरप्पा और उनके बेटे ने जब बीजेपी छोड़ी थी ईडी की जांच बैठ गई थी कहा है उसका स्टेटस जनता जानना चाहती है नेशनल हेराल्ड का केस ऐसा है एक अखबार स्वतंत्रता सेनानियों को मदद करने के लिए खड़ा किया गया था जिसको 5 साल तक अंग्रेजों ने बैन किया था उस अखबार को मृत होते हुए देख कांग्रेस ने तय किया कि हम स्वतंत्र संग्राम मैं लड़ने वाली पार्टी है इसको दोबारा जीवित किया जाए और उसको किस तरह से दोबारा जीवित किया गया हैं यह सबके सामने है हमने कुछ छुपाया नहीं जब कोई मनी लॉन्ड्रिंग हुई ही नहीं है तो कहां घोटाला हुआ इस केस में ईडी एक बार एनओसी दे चुकी है उसके बाद एक विवादित नेता जो आज के समय में बीजेपी का विधायक भी है वह उस समय तत्कालीन अधिकारी था विवादित अधिकारी था उसने इस केस को पुनर्जीवित किया और अपनी सर्विस खत्म होने से पहले बीजेपी के टिकट से यूपी से चुनाव लड़ा और वह आज विधायक है लोकतंत्र में विरोधियों को डराने के लिए जो पार्टी को छोड़कर चला गया उनको वापस लाने के लिए और लोकतंत्र की आवाज को दबाने के लिए ईडी और सीबीआई का इस्तेमाल हो रहा है