एम्स अब ड्रोन से पँहुचायेगा जरूरतमंदों तक दवाइयां
आज ऋषिकेश एम्स से टिहरी के लिए किया गया ड्रोन का सफल ट्रायल,टिहरी जिला चिकित्सालय तक पंहुचायी गयी टीबी की दवाई ऋषिकेश
उत्तराखण्ड के दुर्गम क्षेत्रों के मरीजों के उपचार के लिए अब एम्स ऋषिकेश से ड्रोन के माध्यम से दवा पहुंचायी जा सकेगी। आज एम्स से टिहरी स्थित जिला चिकित्सालय दवाई पंहुचाकर इसका सफल ट्रायल किया गया। देश का यह पहला एम्स है। जो इस तकनीक का उपयोग कर जरूरतमंदों तक आवश्यक दवाइयां पँहुचायेगा।
अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान, एम्स ऋषिकेश ने मेडिकल के क्षेत्र में नया कीर्तिमान स्थापित कर ड्रोन द्वारा दवा पंहुचाने में सफलता पायी हैं। इस ट्रायल द्वारा टीबी के मरीजों के लिए टिहरी जिला चिकित्सालय में दवा भेजी गयी हैं। एम्स ऋषिकेश के हेलीपैड से टिहरी तक 36 किमी की यह हवाई दूरी ड्रोन ने 29 मिनट में पूरी की गयी हैं। एम्स ऋषिकेश से टीबी के मरीजों को ड्रोन से दवा भेजने का यह ट्रायल सफल रहा। ड्रोन से दवा भेजने की शुरूआत करने वाला एम्स ऋषिकेश अब देश का पहला एम्स बन गया है।
एम्स की कार्यकारी निदेशक डाॅ0 मीनू सिंह ने पत्रकारों से बात करते हुए बताया कि प्रधानमन्त्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के विजन के अनुरूप टीबी मुक्त भारत अभियान को सफल बनाने में यह सुविधा विशेष लाभदायक सिद्ध होगी। उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड विषम भौगोलिक परिस्थितियों वाला राज्य है। पहाड़ के दूर-दराज के इलाकों में रहने वाले बीमार लोगों तक इस माध्यम से दवा पंहुचाकर उनका समय रहते इलाज शुरू किया जा सकता है। इसके अलावा इस सुविधा से आपात् स्थिति में फंसे लोगों तक भी तत्काल दवाई इलाज से सम्बन्धित मेडिकल उपकरण पंहुचाये जा सकेंगे। डाॅ0 मीनू सिंह ने बताया कि चारधाम यात्रा के दौरान तीर्थ यात्रियों के घायल हो जाने अथवा गंभीर बीमार हो जाने की स्थिति में, उच्च हिमालयी क्षेत्रों में फंसे जरूरतमंदों तक दवा पहुंचाने तथा दूरस्थ क्षेत्रों से एम्स तक आवश्यक सैंपल लाने में इस तकनीक का विशेष लाभ मिलेगा। इसके अलावा आंखों की काॅर्निया के प्रत्यारोपण की प्रक्रिया में भी इस तकनीक का उपयोग कर समय की बचत की जा सकेगी।
एम्स के हेलीपैड से टिहरी के बौराड़ी स्थिति जिला चिकित्सालय तक पंहुचने में सड़क मार्ग से लगभग 3 घन्टे का समय लगता है। ड्रोन ने यह दूरी 29 मिनट में पूरी की है। एम्स से दवाई लेकर ड्रोन सुबह 10 बजकर 44 मिनट पर उड़ा था और 11 बजकर 14 मिनट पर टिहरी में लैंड हो चुका था। वापिसी में इसने टिहरी जिला चिकित्सालय से 11 बजकर 44 मिनट पर उड़ान भरी और यह 12 बजकर 15 मिनट पर एम्स में हेलीपैड पर सकुशल लैंड हो गया। प्रति घन्टा 120 किमी की गति से उड़ने वाला यह ड्रोन 3 किलो भार ले जा सकता है। ड्रोन का अपना वजन 16.5 किलोग्राम है। और एम्स से जिला चिकित्सालय की हवाई दूरी लगभग 36 किमी है।बाईट:–प्रोफेसर (डाॅ0) मीनू सिंह, कार्यकारी निदेशक एम्स ऋषिकेश।