वंदना कटारिया नेशनल हॉकी स्टेडियम का खेल मंत्री अरविंद पांडे ने किया लोकार्पण

वंदना कटारिया नेशनल हॉकी स्टेडियम का खेल मंत्री अरविंद पांडे ने किया लोकार्पण

जिसका लोकार्पण आज खेल मंत्री अरविंद पांडे ने किया है। आपको बता दे कि हरीद्वार के रोशनाबाद गांव निवासी वंदना कटारिया ने टोक्यो ओलंपिक में गोलों की हैट्रिक लगाकर इतिहास रच दिया था। ऐसा करने वाली वह पहली भारतीय महिला बनी हैं। जिसके बाद उन्हें अर्जुन अवार्ड से भी पुरस्कृत किया जा चुका है। अब उनके गांव का स्टेडियम भी उन्हीं के नाम से जाना जाएगा। खेल मंत्री अरविंद पांडेय द्वारा नवनिर्मित स्टेडियम का लोकार्पण किया साथ ही स्टेडियम के अंदर बन रहे बहुउद्देशीय क्रीड़ा हॉल का शिलान्यास भी किया जिसको 17 करोड़ की लागत से बनाया गया है।

इस दौरान कैबिनेट मंत्री अरविंद पांडे ने खिलाड़ियों को बधाई देते हुए कहा कि इस तरह के स्टेडियम बनाना कोई बड़ा काम नहीं है। लेकिन इस तरह के स्टेडियमों से ऐसे खिलाड़ी विकसित हो जो आने वाले समय में राज्य और देश का नाम रोशन करें यह बड़ी बात है। इसी क्षेत्र की बेटी वंदना कटारिया ने टोक्यो ओलंपिक में अपना अव्वल प्रदर्शन कर राज्य का ही नहीं बल्कि देश का नाम रोशन किया है। हमारी सरकार का भी दायित्व है। कि जो बच्चे खेलों में आगे बढ़ना चाहते हैं। उनका हौसला बढ़ाये और उनको सुविधाएं उपलब्ध कराए। आज उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी जी के नेतृत्व में खिलाड़ियों के लिए ऐसे स्टेडियम बनाना और इन स्टेडियमों का नाम उन खिलाड़ियों के नाम पर रखना जिन्होंने प्रदेश का ही नहीं बल्कि देश का नाम रोशन किया है ।हमारे द्वारा प्रदेश में बनाई गई खेल नीति से खिलाड़ियों का वह समय जिस समय वह खेल के लिए संघर्ष करता है। उस समय भी खेल नीति द्वारा सरकार उन खिलाड़ियों के साथ खड़ी रहती है। आज इस मंच से उन सभी खिलाड़ियों को कहना चाहूंगा जो खेलना चाहते हैं। और किसी कारण उन्हें कोई ना कोई समस्या का सामना करना पड़ रहा है। मैं उन्हें आश्वस्त करना चाहता हूं कि हमारे द्वारा बनाई गई खेल नीति से उन सभी को मदद मिलेगी ।

वही वंदना कटारिया के बारे में बोलते हुए अरविंद पांडे ने कहा कि एक छोटे से गांव से उठ कर वंदना कटारिया आज देश का नाम रोशन कर रही है। गरीब घर में पैदा होने के बावजूद उन्होंने अपने संघर्ष से आज देश ही नहीं बल्कि दुनिया में अपना नाम रोशन किया है। उनके त्याग तपस्या संघर्ष को शब्दों में नहीं बयां किया जा सकता हैं। इसलिए हमने इस स्टेडियम को वंदना कटारिया के नाम से रखने का मन बनाया और हम उम्मीद करते हैं। कि आने वाले समय में वंदना कटारिया जैसी और भी बेटियां देश का नाम रोशन करेगी।