हरिद्वार
आज सावन का आखिरी सोमवार हैं। भगवान शिव को सोमवार का दिन सबसे ज्यादा प्रिय होता है। इसलिए इस दिन शिव की भक्ति और उनका जलाभिषेक करने पर शिव की कृपा अपार मिलती है।यह भी माना जाता है। कि भगवान शिव सावन के पूरे महीने अपनी ससुराल राजा दक्ष की नगरी कनखल में ही निवास कर यही से सृष्टि का संचालन और लोगो का कल्याण करते हैं। सावन के आखिरी सोमवार पर हरिद्वार के शिव मंदिरों में भोले शिव का जलाभिषेक करने के लिए सुबह से ही श्रद्धालुओं की भीड़ लगी हुई है। श्री दक्षेश्वर महादेव मंदिर में सावन के आखिरी सोमवार पर दर्शन करने आये श्रद्धालुओं का कहना है। कि सावन का महीना भगवान शिव का अति प्रिय महीना होता है। और कनखल दक्ष प्रजापति महादेव की ससुराल है। और दुनिया में सबसे पहला भगवान शिव का मंदिर है। भगवान शिव ने राजा दक्ष को वचन दिया था कि सावन के एक महीने वह यहीं पर वास करेंगे इसलिए भगवान शिव सावन का एक महीने दक्ष प्रजापति कनखल में ही वास करते हैं। आज सावन का आखिरी सोमवार है। भगवान शिव के आगमन का स्वागत किया जाता है। कि भगवान शिव अपने ससुराल में एक महीने के लिए विराजमान हो गए हैं। क्योंकि सावन के महीने में ही भगवान शिव की जटा से गंगा अवतरित हुई थी। इसलिए सावन के महीने में भगवान शंकर का गंगा जल दूध दही शहद भूरा गन्ने के रस और भांग धतूरे से भगवान शिव की पूजा की जाती है। भक्तों की दक्ष प्रजापति मंदिर में सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती है। क्योंकि भगवान शिव सावन के महीने में यहीं विराजमान रहते हैं। सावन मास में इस वर्ष सावन के आखिरी सोमवार को भी भगवान शिव का जलाभिषेक करने के लिए भारी भीड़ लगी हुई है।