सुप्रीम कोर्ट ने समलैंगिक विवाह को अमान्य करार दिया है, इसके बाद कई तरह की प्रतिक्रियाएं सामने आ रही है। हरिद्वार में भी संत अदालत के फैसले की सराहना कर रहे हैं। अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत रविंद्र पुरी ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले का स्वागत करते हुए कहा कि समलैंगिकता एक विकृति है। सुप्रीम कोर्ट के फैसले से इस पर रोक लग सकेगी। उन्होंने कहा कि अगर समाज में समलैंगिक शादियां होंगी तो संतान उत्पन्न नहीं होगी और पीढियां आगे नहीं बढ़ सकेंगी। इसलिए सुप्रीम कोर्ट के फैसले का स्वागत किया जाना चाहिए।
2023-10-17