500 वर्षों की परम्पराओं को नष्ट नहीं होने दिया जायेगा-महंत दुर्गादास


अखाड़े के प्रति अनर्गल बयानबाजी सहन नहीं की जायेगी

श्री पंचायती बड़ा अखाड़ा उदासीन के मुखिया महंत दुर्गादास ने प्रेसवार्ता के दौरान कहा कि अखाड़ें परम्पराओं एवं बॉयलॉज के अनुसार संचालित होते हैं। परम्पराओं का विशेष ध्यान संत-महापुरूषों को करना चाहिए। उन्होंने कहा कि कुछ लोग अनर्गल बयानबाजी कर अखाड़े की छवि को धूमिल करना चाहते हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि महंत दामोदार दास, महंत रघु मुनि, महंत दर्शन दास, महंत अग्रदास को अखाड़े से निष्कासित किये गये है। आदि-अनादि काल से अखाड़े के बायलॉज का ही उपयोग किया जाता है। उन्होंने कहा कि महंत दामोदार दास, महंत रघु मुनि, महंत दर्शन दास, महंत अग्रदास निजी स्वार्थ के चलते भूमाफियाओं के साथ सांठ-गांठ कर भूमि की खरीद-फरोख्त कर रहे थे। उन्होंने कहा कि पद पर रहते हुए प्राइवेट कार्यों में किसी भी तरह का हस्तक्षेप संतों का नहीं होना चाहिए। उन्होंने कहा कि पंच परमेश्वर ही सोच-समझकर न्याय संगत फैसले लेते हैं लेकिन इन संतों द्वारा अखाड़े की परम्पराओं को नष्ट करने का काम किया जा रहा था। कुछ भूमाफियाओं के साथ मिलकर भूमि खरीदने का काम किया जा रहा था। महंत दुर्गादास ने कहा कि संत-महापुरूषों को अखाड़ों की सम्पत्ति का निजी एवं स्वार्थपूर्ण उपयोग नहीं कर सकते हैं। अखाड़े, आश्रमों की सम्पत्ति का संरक्षण, संर्वद्धन करना हमारी नैतिक जिम्मेदारी बनती है। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि प्रलोभन के चलते इन संतों द्वारा भूमाफियाओं के साथ मिलकर प्राइवेट जमीने खरीदी जा रही थी जो कि न्याय संगत नहीं है। उन्होंने कहा कि जो भूमाफिया है उन्हें अखाड़े में प्रवेश नहीं करने दिया जायेगा।
उन्होंने पूर्व में गायब हुए कोठारी महंत मोहनदास के गायब होने पर भी सवाल उठाते हुए कहा कि इस मामले की भी निष्पक्ष सीबीआई जांच होनी चाहिए, जो भी आरोपी उनके चेहरे सामने लाये जाये। महंत दुर्गादास ने कहा कि 500 वर्षों से परम्पराएं चलती आ रही है। अखाड़े की जमीन बिना प्रस्ताव व अनुमति के कोई भी नहीं ले सकता है। उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि भ्रम फैलाना बंद करे। अखाड़े की छवि को धूमिल न करे। इस अवसर पर महंत जयेन्द्र मुनि, महंत प्रेम दास, महंत गोविन्द दास, महंत बलवन्त दास, महंत केवलानन्द, महंत शिवालय नन्द, महंत विष्णुदास, महंत मुरली दास आदि उपस्थित रहे।