राजाजी टाइगर रिजर्व के सभी पर्यटन गेट आज से विधिवत वन्यजीव पर्यटन के लिए खोल दिए गए

राजाजी टाइगर रिजर्व के सभी पर्यटन गेट आज से विधिवत वन्यजीव पर्यटन के लिए खोल दिए गए. पार्क की मोतिचूर, चीला, रानीपुर व मोहण्ड अपने वन्यजीव पर्यटन के लिये विख्यात है. मोतिचूर रेंज में आज विधिवत तरीके से पूजा अर्चना की गयी. रेंज अधिकारी महेश सेमवाल व वार्डन सरिता भट्ट ने रीबन काट पर्यटक सीजन की शुरुआत की. वंही चीला रेंज में वार्डन चित्रांजलि नेगी, रेंज अधिकारी बीडी तिवारी व रेंज अधिकारी राजेश जोशी ने चीला पर्यटन मार्ग को खोला. वंही पार्क की मोतिचूर रेंज में पंहुचने वाले पर्यटको के लिए इस बार नए रिसेप्सन सेंटर का निर्माण किया गया है. साथ ही पर्यटको की सुरक्षा के लिए भी पुख्ता इंतजाम किए गए.

राजाजी टाईगर रिजर्व के सभी पर्यटन गेट निम्न निर्धारित सेमय सारणी के अनुंसार संचालित किये जायेगें।
सफारी संचालन विगत वर्षो के अनुसार ही सुरक्षति वन भ्रमण के दिशा-निर्देशों का पालन करते हुये किया जायेगा । विगत सफारी सत्र 15 नवम्बर 2024 से 15 जून 2025 तक लगभग 51.500 सैलानियों ने सफारी भ्रमण किया जिसमें लगभग 49.500 भारतीय सैलनी तथा 2000 विदेशी सैलनी सम्मलित थे साथ ही लगभग 14.500 जिप्सी प्रवेश दर्ज किये गये। देहरादून, हरिद्वार, ऋषिकेश कें समीप होने तथा जैव विविधता से समृद्ध होने के कारण राजाजी टाईगेर रिजर्व में ईको ट्रिज्म फल-फल रहा है राजाजी टाईगर रिजर्व में बाघ, तेन्दुआ, हाथी के अतिरिक्त पक्षियों की भी 315 अधिक प्रजातिया पाई जाती है चीला सफारी ट्रैक राजाजी टाईगर रिजर्व का सबसे पूराना ट्रैक है जहां बाघ, तेन्दुआ, हाथी देखने के सम्भांवना अधिक रहती है। विगत वर्षो में हरिद्वार सफारी गेट तथा चिल्लावाली सफारी गेट पर तेन्दुआ साईटिंग के कारण सैलनियों की संख्या में बढौतरी हुई है।