अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद अध्यक्ष का बड़ा बयान, प्रयागराज में लगने वाले कुम्भ मेले में शाही स्नान से शाही शब्द को हटाया जाएगा
हरिद्वार
अब कुंभ मेले में होने वाले शाही पेशवाई और शाही स्नान पर भी सवाल उठाए जा रहे हैं। संत समाज ने शाही शब्द को इस्लामिक और गुलामी का शब्द बताते हुए इसे हटाने की मांग की है. अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष श्रीमहंत रविंद्र पुरी महाराज ने कहा कि इस विषय पर 13 अखाड़ों के प्रतिनिधियों से चर्चा की जाएगी और भविष्य में प्रयागराज, उज्जैन सहित चार जगह होने वाले मेले से शाही स्नान का नाम बदलकर राजसी स्नान या किसी अन्य नाम पर विचार किया जाएगा।
प्रयागराज में होने वाले कुंभ को लेकर अब एक नई चर्चा छिड़ गई है इसमें शाही स्नान के शाही शब्द को लेकर चर्चा छिड़ गई है जिस पर अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष श्रीमहंत रवींद्र पुरी ने बैठक बुलाने का निर्णय लिया है और इस शाही शब्द को हटाकर शुभ मुहूर्त के अनुसार सभी अखाड़ों की राय लेकर नया शब्द लगाने का निर्णय लिया है श्रीमहंत रवींद्र पुरी महाराज का कहना है कि शाही शब्द उर्दू से जुड़ा शब्द है जो की मुगलों के समय में दिया गया था अब इसे बदला जाएगा और अखाड़ों की सहमति से राजसी नाम रखा जाएगा।
श्रीमहंत रविन्द्र पूरी महाराज ने कहा कि 13 अखाड़ों के कई संतों से बात करने के बाद शाही शब्द को गुलामी का प्रतीक बताते हुए इसे हिंदू धार्मिक आयोजनों से हटाने की बात कही है उन्होंने कहा कि जिस जगह पर जिसका शासन रहता है तो वहां की भाषा दैनिक जीवन में आ जाती है यही भारत वर्ष के साथ हुआ मध्यकाल के दौरान अक्रांताओं का कुछ जगहों पर इस तरह से प्रभाव बढ़ा कि उनकी भाषा की व्यापक्ता हमारे दैनिक जीवन के अंदर आ गई। लेकिन अब वक्त बीत चुका है तो हमें हमारे मूल स्वरूप की तरफ लौटना चाहिए मध्य प्रदेश शासन ने बहुत अच्छी बात कही कि शाही सवारी को राजसी सवारी कह सकते हैं यह स्पष्ठ है किसी भी शब्द से पराधीनता का समावेश होता है तो उसे हटा देना चाहिए इसलिए हमारे द्वारा आने वाले कुम्भ मेले में शाही शब्द को हटाकर राजसी शब्द लगाया जाएगा और इसी पर हम सब अखाड़े अपनी सहमति देंगे।