भगवान शंकर का सबसे प्रिय सावन का महीना चल रहा है और इस समय धर्मनगरी हरिद्वार में हर तरफ भगवान शंकर के गण शिव भक्त ही शिव भक्त नजर आ रहे हैं वही आज सावन की शिवरात्रि यानि शिव की भक्ति का सबसे अच्छा दिन भी हैं। ऐसी मान्यता जाता है जो श्रद्धालु शिवरात्रि के दिन सुबह शुभ मुहूर्त की आरती जलाभिषेक करता है उसे कई गुना फल प्राप्त होता है और भगवान शिव के जलाभिषेक करने पर शिव की कृपा हो जाती है यह भी माना जाता है कि शिव सावन के पूरे महीने अपनी ससुराल कनखल में ही निवास कर करते हैं। हरिद्वार के शिव मंदिरों में भोले शिव का जलाभिषेक करने के लिए श्रद्धालुओं की लाईने लगी हुई है। और श्रद्धालु बारी बारी से भगवान शंकर के शिवलिंग पर जलाभिषेक कर रहे हैं। वहीं पुलिस प्रशासन ने मंदिर परिसर में सुरक्षा के कड़े प्रबंध किए हुए हैं।
कनखल स्थित दक्षेश्वर महादेव मंदिर मैं जलाभिषेक करने आ रहे श्रद्धालुओं का कहना है कि सावन का महीना भगवान शिव का अति प्रिय महीना होता है और कनखल दक्ष प्रजापति महादेव की ससुराल है और यह दुनिया में सबसे पहला भगवान शिव का मंदिर है भगवान शिव ने राजा दक्ष को वचन दिया था कि सावन के एक महीने वह यहीं पर वास करेंगे। इसलिए भगवान शिव सावन के एक महीने दक्ष प्रजापति में ही वास करते हैं।
श्रद्धालुओं का मानना है कि सावन मास में भगवान शिव अपने ससुराल में रहते हैं और सावन की शिवरात्रि पर जो भगवान शिव का जलाभिषेक करता है उसकी भगवान शंकर सभी मनोकामनाएं पूरी करते हैं। सुबह-सुबह दर्शन करके हमें बहुत अच्छा लगा बहुत अच्छे हमारे दर्शन हुए वही सुरक्षा व्यवस्था के भी पुलिस द्वारा चाक-चौबंद प्रबंध किए हुए हैं।