साधु संतों ने कार सेवकों के बलिदान को किया नमन सनातन धर्म पर कुठाराघात करने वालों को दी चेतावनी
अयोध्या में 6 दिसंबर 1992 को विवादित बाबरी मस्जिद का ढांचा कारसेवको को द्वारा गिराया गया था कई कार सेवकों ने इसमें अपना बलिदान भी दिया था उसी का परिणाम है आज अयोध्या में भगवान श्री राम का भव्य मंदिर तैयार हो रहा है 22 जनवरी को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मंदिर का उद्घाटन करेंगे कारसेवकों द्वारा राम मंदिर निर्माण में दिए गए बलिदान को शौर्य दिवस के रूप में मनाया जाता है आज धर्मनगर हरिद्वार में गौरी शंकर गौशाला में मनाया गया जिसमें भारी संख्या में साधु संत उपस्थित हुए साधु संतों ने शौर्य दिवस पर बलिदान देने वाले कारसेवकों को नमन किया और सनातन धर्म पर विवादित बयान देने वालों को सख्त हिदायत दी

अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष श्री महंत रवींद्र पुरी महाराज का कहना है कि 6 दिसंबर 1992 को विवादित बाबरी ढांचा गिराया गया था उसमें कई कार सेवकों ने अपना बलिदान दिया था जिसमें संत भी शामिल थे उनके लिए शौर्य दिवस मनाना एक अच्छा प्रयास है इनका कहना है कि हरिद्वार की भूमि पर ही अयोध्या में भव्य राम मंदिर बनाने को लेकर पहली बैठक 1986 की गई थी 22 जनवरी को भगवान राम के मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा होने जा रही है उससे पहले आज 6 दिसंबर को शौर्य दिवस हमारे द्वारा भव्य रूप से मनाया गया

परमार्थ निकेतन के अध्यक्ष चिदानंद मुनि का कहना है कि अयोध्या में भगवान श्री राम 22 जनवरी को विराजमान हो रहे हैं यह राम मंदिर नहीं राष्ट्र मंदिर बन रहा है इसी को राम राज्य कहते हैं जहां सब एक समान हो मगर कुछ लोग दक्षिण और उत्तर को बांटने का प्रयास कर रहे हैं हमें ऐसे विवादित मुद्दों से बचाना है आज दक्षिण और उत्तर को तोड़ने का नहीं जोड़ने का समय है इसलिए उन राजनेताओं को गलत बयान बाजी से बचना चाहिए तभी राष्ट्र आगे बढ़ेगा चिदानंद मुनि का कहना है कि बीजेपी ने जिन राज्यों में जीत दर्ज की है वह सत्ता की जीत नहीं है यह सत्य की जीत है क्योंकि सनातन का कलर किसी को मिटाने का कलर नहीं है यह सबको साथ लेकर चलने का कलर है
पतंजलि योगपीठ के महामंत्री आचार्य बालकृष्ण का कहना है कि शौर्य दिवस मनाना काफी जरूरी है क्योंकि जिन लोगों ने सनातन परंपरा को बचाने के लिए अपना बलिदान दिया है उनको याद किया जाना चाहिए जिससे हमारी संस्कृति बच सके आज गंगा के तट पर भगवान राम का भव्य मंदिर बनाने के लिए जिन लोगों ने अपना बलिदान दिया है उनको याद करते हुए शौर्य दिवस मनाया गया बालकृष्ण का कहना है कि आज देश में सनातन धर्म के प्रति मर मिटने वाले लोगों की काफी आवश्यकता है
महामंडलेश्वर स्वामी रूपेंद्र प्रकाश का कहना है कि शौर्य दिवस के मौके पर साधु संतों ने एकजुट होने का आवाहन किया है क्योंकि आज देश में कुछ लोग सनातन धर्म के विरुद्ध गलत बयान बाजी कर रहे हैं उसका आज संतो द्वारा विरोध किया गया है शौर्य दिवस में आए साधु संतों ने इन लोगों के विरुद्ध कार्रवाई करने का प्रस्ताव रखा है क्योंकि इन लोगों द्वारा दक्षिण और उत्तर को तोड़ने का प्रयास किया जा रहा है यह कभी सफल नहीं होगा