हरिद्वार
पतंजलि विश्वविद्यालय के वार्षिकोत्सव 2024-25 के उपलक्ष में आयोजित विशेष कार्यक्रम में पहुंचे केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान ने पत्रकारों से बात करते हुए कहा पतंजलि विश्वविद्यालय हमारे देश का एक अनोखा प्रयोग है मैं अत्यंत पर्सन हूं इन दिनों में न्यायक एक्रीडिटेशन भी इनको मिल गया है मैं पहले भी यहां पर आया हूं पतंजलि रिसर्च सेंटर यह अपने आप में भारतीय ज्ञान परंपरा की एक महाकुंभ है अनेक औषधीय अनेक पुराने वैज्ञानिक तत्व को पुनः आधुनिक विज्ञान के साथ जोड़ते हुए इन्होंने अच्छा काम किया है पतंजलि यूनिवर्सिटी एक टीचिंग यूनिवर्सिटी है एक रिसर्च यूनिवर्सिटी है एक इन्नोवेशन यूनिवर्सिटी है इन तीनों की आज आवश्यकता है मैं इसकी वार्षिक उत्सव में आकर बहुत प्रसन्न हूं
स्टालिन द्वारा लगातार हिंदी का विरोध किया जा रहा है इस पर बोलते हुए केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 भारतीय भाषाओं को महत्व देना चाहिए वह हिंदी हो या तमिल हो पंजाबी हो या उड़िया हो बहु भाषिया भारतीय भाषा सभी भाषाओं का समान अधिकार है समान तरीके से उसको पढ़ना चाहिए यह उद्देश्य राष्ट्रीय शिक्षा नीति में है तमिलनाडु में कुछ मित्र राजनीतिक उद्देश्य से उसका विरोध कर रहे हैं राष्ट्रीय शिक्षा नीति में हमने कहीं नहीं कहा है हिंदी ही पढ़ाया जाएगा हमने यही कहा है मातृभाषा अखंड शिक्षा शिक्षा होगी तमिलनाडु में तमिल ही होगी।
उत्तराखंड के माणा में हुए हिमस्खलन पर बोलते हुए केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा मैं बड़े संतोष के साथ कह सकता हूं यहां आने के बाद जब मैं अखबार और टीवी के माध्यम से देखा यहां स्थानीय सरकार की मुख्यमंत्री आदरणीय पुष्कर धामी जी का बयान में देख रहा था एक बहुत बड़ा आपत्ति का उन्होंने सामना किया है लगभग लोगों को रेस्क्यू कर लिया गया है कुछ लोगों की अभी खोज जारी है मैं आने वाले दिनों में इस प्रकार की और सजक रहने के कारण इस प्रकार की दुर्घटना ना हो लेकिन नैसर्गिक आपत्ती नैसर्गिक आपत्ती है उत्तराखंड जैसे प्रति को इस प्रकार की नैसर्गिक आपत्ती से जूझना पड़ता है यहां की व्यवस्था चौकन्ना है संभालने के लिए अनहोनी को कोई टाल नहीं सकता है उत्तराखंड प्रदेश आपदा ग्रस्त प्रदेश है यहां की जो लैंडस्लाइड एक चुनौती है लेकिन यहां की सरकार उसके लिए सु व्यवस्था किया है।