हरिद्वार
पहाड़ों के देवता की रूप में जाने जाने वाले विश्वनाथ जगदीशीला डोली यात्रा गुरुवार को धर्मनगरी हरिद्वार पहुँची है। जहाँ डोली ने हर की पौड़ी ब्रह्मकुंड में मां गंगा में स्नान कर डोली की विधिवत पूजा अर्चना की गई। विश्वशांति की और देव संस्कृति की रक्षा और संस्कृत भाषा के उन्ननयन की कामना की गयी है , पारम्परिक ढोल दमायु और नगाड़ों की थाप पर शुरू हुई यह यात्रा मुख्य उद्देश्य इस बार हिमालय की आरती तैयार करना है। पूर्व कैबिनेट मंत्री मंत्री प्रसाद नैथानी ने बताया कि पिछले 25 वर्षों से लगातार चल रही है 378 धाम चिन्हित कर लिए दिए गए हैं और इसी तरह से 1000 धाम चिन्हित करके पूरे विश्व में उत्तराखंड की संस्कृति को बचाने का कार्य करना मुख्य उद्देश्य है। देवडोली यहां से गंगा दशहरा के दिन विशौन पर्वत टिहरी गढ़वाल पहुचेगी और वहां 5 जून को इस यात्रा का समापन होगा ।महामंडलेश्वर स्वामी ललितानंद गिरि महाराज का कहना है कि विश्वनाथ बाबा की डोली प्रत्येक वर्ष आती है और इस बार यात्रा का उद्देश्य हिमालय की आरती है जो कि बहुत ही प्रासंगिक है।











