विश्वविख्यात कवि कुमार विश्वास ने की गंगा आरती

विश्वविख्यात कवि कुमार विश्वास ने की गंगा आरती,सनातन पर टिप्पणी करने से कोई फर्क नही पड़ेगा,धर्म के विपरीत बोलने वालों को भी ईश्वर शरण देता है और उनको क्षमा करता है।

विश्वविख्यात कवि कुमार विश्वास आज अपने माता – पिता ,पत्नी और बेटी के साथ हरिद्वार की हरकी पौड़ी पहुंचे। यहाँ उन्होंने माँ गंगा की आरती में शिरकत की। इस दौरान निरंजनी अखाड़े के आचार्य महामंडलेश्वर कैलाशानंद गिरी और खानपुर से निर्दलीय विधायक उमेश कुमार भी उनके साथ मौजूद रहे। इस दौरान कुमार विश्वास ने गंगा के प्रति आस्था रखते हुए एक भजन भी सुनाया। कुमार विश्वास ने कहां यह मेरे पुण्यो का उद्भव है की आज मैं अपने माता पिता के साथ जो मैंने विश्वविद्यालय बनाने का संकल्प लिया है .. उसके लिए बाबा बद्रीनाथ और केदारनाथ के दर्शन किए और बाबा से अनुमति लेने के लिए मैं गया था जिसके बाद हरिद्वार की हरकी पौड़ी पर गंगासभा के सौजन्य से गंगा आरती मे पुण्य प्राप्त करने का शोभाग्य प्राप्त हुआ। गंगा कोई नदी नहीं है बल्कि भारत की संस्कृति की रेखा है जिसके दोनों किनारो पर ये देश स्तंभित होता है।

कुमार विश्वास ने सनातन पर बोलते हुए कहा मैं इस विषय पर कोई ज्यादा टिप्पणी नहीं करूंगा क्योंकि मेरा यह मानना है कि एक ऐसी चिरंजीव विचारधारा जो हजारों वर्षों से इस तरह खड़ी हुई है जिस पर इतने प्रकार के हमले हुए हैं लेकिन उसके बाद भी विश्व भर में उसकी कीर्ति उसको गाने वाले उसमें आस्था रखने वाले उसमें जन्म लेकर विलीन हो जाने वाले करोड़ों करोड़ों लोग युगो युगो से शताब्दी से हैं तो किसी के बयान देने से या किसी के कुछ कहने से मुझ जैसे व्यक्ति को नहीं लगता कि उसमें कोई टिप्पणी करने योग्य है और मैं तो उसे धर्म में हूं जहां धर्म के विपरीत बोलने वालों को भी ईश्वर शरण देता है और उनको झामा करता है।