उत्तराखंड
गुरुपुरब पूरे देश विदेश में बड़े पैमाने पर मनाई जाती है इस दिन को प्रकाश उत्सव के रूप में भी मनाया जाता है पहाड़ो की रानी मसूरी में गुरु नानक जयंती बहुत धूमधाम से मनाई गई। गुरुपर्व सिख धर्म में कई शुभ धार्मिक त्योहारों में से एक है, जो पहले सिख गुरु और सिख धर्म के संस्थापक गुरु नानक देव जी के जन्म और दर्शन को याद कर मनाया जाता है। मसूरी में गुरुद्वारा को बहुत खूबसूरती से सजाया गया और अखंड पाठ गुरु ग्रंथ साहिब का पाठ का भी आयोजन किया गया। वही मसूरी के मशहूर इतिहासकार गोपाल भारद्वाज ने भी संपूर्ण देशवासियों को गुरु नानक की जयंती की शुभकामनाएं दी उन्होंने बताया कि उनके पूर्वजों द्वारा गुरु नानक जी की जन्म कुंडली बनाई गई थी जो आज भी उनके पास मौजूद है। उन्होंने बताया कि उनके पूर्वज और पिता के द्वारा भारत के कई महत्वपूर्ण लोगों की जन्म कुंडली बनाई गई है और इन सब की असल प्रतिलिपि उनके पास आज भी मौजूद है उन्होंने कहा कि वह पूरे देशवासियों को गुरु नानक जी की जन्म कुंडली को समर्पित करते हैं और आने वाले समय पर वह गुरु नानक जी की जन्म कुंडली मसूरी के गुरुद्वारे की समिति को उपहार रूप देंगे। उन्होंने कहा कि सरकार की अनदेखी के कारण उनके पास रखे महत्वपूर्ण मसूरी और अन्य जगहों के इतिहास है जिनको संरक्षित किया जाना जरूरी है। उन्होंने कहा कि कई बार उनके द्वारा सरकार और मसूरी नगर पालिका से मसूरी में म्यूजियम बनाए जाने की मांग की गई परंतु दुर्भाग्यवश ना तो सरकार और ना ही नगरपालिका द्वारा इस ओर ध्यान दिया जा रहा ह।ै उन्होंने कहा कि उनके पास मसूरी और अन्य जगहों के साथ कई बड़े नामचीन लोगों के महत्वपूर्ण इतिहास आज भी मौजूद है जिन को संरक्षित किया जाना जरूरी है उन्होंने कहा कि उनकी उम्र लगातार बढ़ रही है ऐसे में वह चाहते हैं कि जल्द से जल्द सरकार उनके पास रखी सभी ऐतिहासिक चीजें को लेकर उसे संरक्षित कर एक म्यूजियम बनवा दें जिससे कि मसूरी आने वाले लोगों को मसूरी और आसपास के इतिहास के बारे में पता लग सके और वह सभी महत्वपूर्ण दस्तावेज और सामानों का भी दीदार कर सकें।
2022-11-08











