भीमगोडा में कृष्ण कृपा धाम आश्रम में हुआ कुंभ शिविर का उद्घाटन

कृष्ण कृपा धाम आश्रम में हुआ कुंभ शिविर का उद्घाटन

कुंभ नगरी हरिद्वार के संत बाहुल्य क्षेत्र भीमगोड़ा में आज श्री कृष्ण कृपा धाम आश्रम में कृष्ण कृपा सेवा समिति के द्वारा आयोजित कुंभ शिविर का उद्घाटन जूना पीठाधीश्वर आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी अवधेशानंद गिरी महाराज ,उदासीन संप्रदाय के महामंडलेश्वर गुरु शरणानंद महाराज गीता मनीषी स्वामी ज्ञानानंद महाराज ने संयुक्त रुप से दीप प्रज्वलित कर किया
इस अवसर पर कुंभ मेला के अपर कुंभ मेला अधिकारी सरदार हरवीर सिंह का तीनों संतो ने माला पहनाकर और शॉल उड़ाकर सम्मान किया तीनों संतो ने कहा कि बैरागी कैंप में गुरुवार को जो घटना अपर कुंभ मेला अधिकारी के साथ घटी है उसका धर्म जगत में कोई स्थान नहीं है उन्होंने कहा कि हिंसा का धर्म में कोई स्थान नहीं है जो निंदनीय है तीनों संतो ने अपर कुंभ मेला अधिकारी सरदार हरवीर सिंह की कुंभ में दी जा रही सेवाओं की जमकर तारीफ की और उन्हें ऋषि की संज्ञा दी जो अपने कर्म को निस्वार्थ भाव से कर रहे हैं
गीता मनीषी स्वामी ज्ञानानंद महाराज ने कहा कि श्री कृष्ण कृपा धाम आश्रम में कुंभ शिविर में रोजाना गीता के विभिन्न अध्यायों पर चिंतन मनन और मंथन होगा इसके अलावा समाज के हर वर्ग से गीता अध्ययन मनन से क्या लाभ होगा इस पर भी विचार किया जाएगा उन्होंने कहा कि गीता ऐसा ग्रंथ है जो मानव को नई दिशा देता है और मानव को अवसाद से दूर कर कर्म के लिए प्रेरित करता है उन्होंने बताया कि महामंडलेश्वर गुरु शरणानंद महाराज और उनके कुंभ पंडालों का उद्घाटन शनिवार तीन अप्रैल को सप्त सरोवर क्षेत्र में होगा। इस अवसर पर जूना पीठाधीश्वर आचार्य महामंडलेश्वर अवधेशानंद गिरि ने कहा कि गीता मनीषी स्वामी ज्ञानानंद महाराज ने कुरुक्षेत्र में गीता को लेकर जिओ गीता विश्वविद्यालय की स्थापना की है जो गीता के अध्ययन कर्ताओं के लिए एक बड़ा केंद्र है उन्होंने कहा कि गीता मानव मात्र के कल्याण के लिए है जो हमारे जीवन दर्शन का मुख्य केंद्र हैं। उदासीन संप्रदाय के महामंडलेश्वर रमन रेती वृंदावन के विख्यात संत स्वामी श्री गुरु शरणानंद महाराज ने कहा कि गीता ने पूरे विश्व को एक नई दिशा दी है जो भगवान श्री कृष्ण के श्री मुख से प्रकट हुई और जिसने पूरे विश्व को कर्म प्रधान बनाया और योग की ध्यान की नई नई दिशाएं मानव कल्याण के लिए प्रदान की उन्होंने कहा कि स्वामी ज्ञानानंद महाराज ने गीता के बारे में वैज्ञानिक अध्ययन कर समाज को एक नई दिशा दी है।

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