गुरुकुल के इस पुस्तकालय में छह हजार रिसर्च जर्नल के साथ ही करीब पंद्रह लाख पुस्तकों का संग्रह है। विश्वविद्यालय के पुस्तकालय को ऑनलाइन करने से शोध व छात्रों को इसका बड़ा लाभ होगा।
गुरुकुल कांगड़ी सम विश्वविद्यालय के संस्थापक स्वामी श्रद्धानंद महाराज ने 1902 में कांगड़ी गांव में गुरुकुल की स्थापना की थी। तभी से इसका नाम गुरुकुल कांगड़ी पड़ा इसी समय गुरुकुल में एक पुस्तकालय भी स्थापित किया गया तह इस पुस्तकालय में लगातार दुर्लभ ग्रंथों, वेदों, पांडुलिपियों और पुस्तकों की संख्या लगातार बढ़ती ही जा रही है। आज प्रोफेसर सत्येंद्र कुमार राजपूत ने जानकारी देते हुए बताया कि वेदों को लेकर आज पुस्तक संग्रहालय में एक बैठक रखी गई जिसमे वेदों को बढ़ावा देने पर वरिष्ठ प्रोफेसरो के विचारों को जाना गया जिसमें उन्होंने बताया कि वेद हमारे जीवन का आधार हैं वेदों की जानकारी जनजन तक पहुंचाना नितांत आवश्यक है