उत्तराखंड में कांवड़ यात्रा स्थगित होने पर हरिद्वार में अंतर्राज्यीय समन्वय बैठक आयोजित,कई राज्यो के पुलिस अधिकारी हुए बैठक में शामिल,आदेशों का सख्ती से पालन करने को लेकर किया मंथन
देवभूमि उत्तराखंड में सावन माह शुरू होते ही कावड़ियों का आगमन भी शुरू हो जाता है। सावन माह के दौरान शिव भक्त कावड़िये करोड़ो की संख्या में पैदल हरिद्वार गंगा जल लेने पहुचते है। और कांधो पर गंगा जल उठाये अपने गंतव्यों को रवाना होते है। मगर वर्तमान में जिस तरीके से कोरोना संक्रमण आपदा काल चल रहा है। और तीसरी लहर के प्रकोप का अनुमान लगाया जा रहा है। उंसके दृष्टिगत उत्तराखंड सरकार ने हरिद्वार में आयोजित होने वाली विश्व की सबसे बड़ी कांवड़ यात्रा को रद्द कर दिया है। कांवड़ यात्रा रद्द होने के बाद आज हरिद्वार के सीसीआर टावर सभागार में कई राज्यो के पुलिस अधिकारियों के साथ उत्तराखंड के आईजी ला एंड आर्डर ने एक समन्वय बैठक की। इस समन्वय बैठक में कांवड़ यात्रा से संबंधित कई मुद्दों पर चर्चा की गई और आदेशो का सख्ती से पालन करने पर मंथन भी किया गया। वही इस दौरान दूसरे राज्यो से आए पुलिस अधिकारियों ने भी उत्तराखंड पुलिस का कावड़ यात्रा अवधि के दौरान पूर्ण सहयोग करने का आश्वाशन भी दिया।
हरिद्वार कावड़ मेला 2021 पर लगे प्रतिबंध के बाद आज उत्तराखंड आईजी लॉ एंड आर्डर वी मुरुगेशन ने उत्तराखंड के साथ लगते राज्यों के उच्च अधिकारियों के साथ सीसीआर में बैठक ली। इस दौरान आईजी लॉ एंड आर्डर ने बताया कि कावड़ मेले 2021 के दौरान आदेशो को सख्ती से पालन कराने के लिए बैठक में मौजूद अन्य राज्यो के सभी अधिकारियों से सुझाव लिया गया और अन्य राज्य के अधिकारियों को यह निर्देश दिया गया कि वह अपने क्षेत्र में प्रचार करें कि कोई भी शिव भक्त हरिद्वार में गंगा जल लेने ना आए।यदि कोई कोई शिव भक्त कावड़िया हरिद्वार आता है। तो उसे पुलिस द्वारा प्रशासन के सहयोग से 14 दिन क्वारंटाइन किया जाएगा। वही आईजी लॉ एंड आर्डर ने बताया की सभी श्रद्धालुओ को गंगा जल उनके क्षेत्र में उनके थानों द्वारा प्राप्त करवाया जाएगा। कावड संघ के एक या दो व्यक्ति भी अपना टेंकर लाकर गंगाजल भर अपने गंतव्य स्थान पर ले जा सकेगा। इस दौरान हरिद्वार में अस्थि विसर्जन करने वाले यात्रियों पर कोई रोक नहीं है।