ऋषिकेश का पारम्परिक आध्यात्मिक स्वरूप बचाए रखने का संदेश लेकर अक्षत त्रिवेदी ऋषिकेश से केदारनाथ की साइकिल यात्रा पर निकले

रायवाला

तीर्थ नगरी ऋषिकेश का पारम्परिक आध्यात्मिक स्वरूप बचाए रखने का संदेश लेकर अक्षत त्रिवेदी ऋषिकेश से केदारनाथ की साइकिल यात्रा पर निकले हैं। वह देश भर से आ रहे तीर्थ यात्रियों को जीवन में एक बार साइकिल यात्रा जरूर करने के लिए प्रेरित करेंगे। अर्हत योग न्यास व इंडियन ड्रीम आर्मी क्लब उनके इस मिशन में सहयोगी बनें हैं।

ग्राम पंचायत गौहरीमाफी के प्रधान रोहित नौटियाल ने तिब्बतन होम स्कूल से शुक्रवार सुबह उनको यात्रा का सन्देश लेकर रवाना किया। अक्षत त्रिवेदी ने बताया कि श्रम के साथ यात्रा को जोड़ना जरूरी है। पुराने समय में यात्री दूर-दूर से पैदल चलकर उत्तराखंड के चार धाम पहुंचते थे। इस दौरान उनको रास्ते में विभिन्न प्रकार के अनुभव मिलते थे। जिससे यात्री मानसिक व शारीरिक रूप से फिट रहते थे। इससे यात्रा मार्ग में चट्टियां भी विकसित हुई। लेकिन आज यात्रा का स्वरूप बदल गया है। यात्री समय का अभाव बता कर हवाई और सड़क वाहनों के जरिए यात्राएं करने लगे हैं। उनका कहना था कि प्रत्येक व्यक्ति को अपने जीवन काल में कम से कम एक बार पैदल अथवा साइकिल से सश्रम यात्रा करना चाहिए। जिससे उसको मानसिक व शारीरिक रूप से लाभ मिलेगा। वह हमारे पारम्परिक व आध्यात्मिक स्वरूप को बनाए रखने के लिए यात्रियों को प्रेरित करेंगे। बताते चलें कि इससे पहले भी अक्षत त्रिवेदी बीते वर्ष पांच से आठ नवंबर के बीच अवसाद मुक्त बचपन का संदेश लेकर योग नगरी ऋषिकेश से अमृतसर तक की यात्रा कर चुके हैं।