बैरागी अखाड़ो ने कहा सन्यासी अखाड़े के संतों को नहीं अधिकार 27 तारीख के शाही स्नान का
हरिद्वार महाकुंभ मेले में आखिरी शाही स्नान से पहले अखाड़ा परिषद में विरोध शुरू हो गया है। 27 अप्रैल के शाही स्नान को लेकर बैरागी अखाड़े के साधु संतों ने सरकार से सन्यासी अखाड़ों के शाही स्नान करने पर रोक लगाने की माँग की है। अखिल भारतीय श्री पंच निर्मोही अनी अखाड़ा में प्रेस वार्ता कर संतो ने कहा कि सन्यासी अखाड़ों ने कुम्भ मेले से पहले ही मेला विसर्जन कर कर दिया है। अब उन्हें शाही स्नान करने का कोई अधिकार नही रह जाता हैं। वो बार बार मेले के समापन को लेकर बयान बदल रहे है। इसलिए उनकी सरकार और मेला प्रशासन से मांग है। कि सन्यासी अखाड़ों को शाही स्नान करने से रोका जाए। 27 अप्रैल के शाही स्नान में केवल बैरागी संतो के तीन अखाड़े, उदासी अखाड़ा, निर्मल अखाडा और महानिर्वाणी अखाड़े के साधु संत ही शाही स्नान करें। इन अखाड़ों के अलावा जिन अखाड़ों ने भी कुंभ मेले का विरोध किया वह अखाड़े शाही स्नान करने के हकदार नहीं है। इसलिए कुंभ मेला प्रशासन सन्यासी अखाड़ो को 27 तारीख का शाही स्नान करने से रोके। वहीं उन्होंने यह भी कहा कि आगामी शाही स्नान पर वो कोरोना गाइडलाइंस का पालन करेंगे, हरिद्वार में जितने भी साधु संत मौजूद हैं। वही शाही स्नान में भाग लेंगे बाकी उनके अनुयायी कुंभ मेले में ना आए।
गौरतलब है। कि आखिरी शाही स्नान से पहले अखाड़ा परिषद में फूट देखी जा रही है। क्योंकि 13 अखाड़ो से मिलकर अखाड़ा परिषद का गठन हुआ है। और अब बैरागी संतो से जुड़े तीन अखाड़ों ने सन्यासी अखाड़ा के शाही स्नान पर रोक लगाने की मांग कर डाली है।