
कुंभ मेले से पहले संपत्ति को लेकर अखाड़े के संतों में विवाद एक दूसरे पर लागये गंभीर आरोप
कुंभ मेले से पहले हरिद्वार स्थित निर्मल पंचायती अखाड़े के दो गुटों में संतों में संपत्ति को लेकर एक बार फिर विवाद खड़ा हो गया है। पंजाब से आये निर्मल भेख से जुड़े संतो ने निर्मल अखाड़े के अध्यक्ष महंत ज्ञानदेव सिंह पर अखाड़े की संपत्ति को खुर्दबुर्द करने का आरोप लगाया है। उन्होंने प्रशासन से महंत ज्ञानदेव सिंह को अखाड़े के अध्यक्ष पद से हटाने की माँग के साथ ही कुम्भ मेला निधि से निर्मल अखाड़े को मिलने वाली ग्रांट रोकने की माँग भी की है। वही निर्मल पंचायती अखाड़े के कोठारी जसविंदर सिंह ने इन सभी आरोपो को सिरे नकार दिया है।
निर्मल भेख से जुड़े महंत जसपाल मुनि ने कहा कि दो साल पहले ज्ञानदेव को अखाड़े के श्रीमहंत पद से हटा दिया गया गया था। लेकिन वो जबर्दस्ती अध्यक्ष पद कब्जा किये बैठे है। दो साल में उन्होंने अखाड़े की कई संपत्तियों को खुर्द बुर्द कर दिया है। उन्होंने प्रशासन से माँग की है। कि प्रशासन उन्हें अध्यक्ष पद से हटाए और उनके खिलाफ जाँच कर कार्रवाई करे निर्मल भेख से जुड़े महंत प्रेम सिंह का कहना है। कि निर्मल भेख कमेटी द्वारा श्री महंत रेशम सिंह को बनाया है। क्योंकि महंत ज्ञानदेव अपने अखाड़े में अवैध तरीके से कब्जा किये हुए है। हमारे द्वारा कुछ समय पहले अखाड़े के बाहर धरना दिया था। मगर प्रशासन ने हमारी बात नहीं मानी अखाड़े में गलत लोग बैठे हुए हैं। 1993 में ज्ञानदेव को श्री महंत बनाया गया था। और 2017 तक उन्होंने निर्मल अखाड़े की काफी संपत्ति को खुर्द बुर्द कर दिया। आज इसी को लेकर तमाम निर्मल भेख इकट्ठा हुआ है। और प्रशासन से मांग करते हैं। कि अवैध तरीके से कब्जा करके बैठे श्रीमंत ज्ञानदेव को अखाड़े से हटाया जाए नहीं तो हमारे द्वारा धरना प्रदर्शन किया जाएगा।
वही निर्मल अखाड़े के कोठारी जसविंदर सिंह ने इन सभी आरोपो को सिरे से नकार दिया कोठारी जसविंदर सिंह ने कहा कि प्रत्यक्ष को प्रमाण की आवश्यकता नहीं होती हैं। इनके आरोप जो कुछ भी है। उससे कुछ होने वाला नहीं है। 2 साल पहले अखाड़े ने इन्हें निलंबित कर दिया था। और अखाड़ा परिषद ने भी इनका बहिष्कार कर दिया था। ये जानबूझकर अखाड़े की संपत्ति को खुर्दबुर्द करना चाहते हैं। एक साल पहले एकड़ स्थित संपत्ति को भी प्रशासन ने इनके कब्जे से मुक्त कराया था। अब यह कुंभ मेले में व्यवधान डालने आये हैं। इस लिए जल्दी इनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई करेंगे और अखाड़ा परिषद से मिलकर इनकी शिकायत भी करेंगे ।