महाशिवरात्रि पर्व पर प्रथम शाही स्नान का नेतृत्व संत-समाज के शिखर पुरुष जूनापीठाधीश्वर आचार्यमहामंडलेश्वर स्वामी अवधेशानन्द गिरि जी महाराज ने किया !
प्रथम शाही स्नान का दृश्य अद्भुत – अलौकिक, अकल्पनीय और रोमांचित करने वाला था। उत्तराखण्ड के मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत के सद्प्रयासों से शासन-प्रशासन द्वारा शाही स्नान के लिए जा रहे साधु-संतों पर निरंतर पुष्प वृष्टि होती रही। महाशिवरात्रि पर्व के शाही स्नान के दिन प्रशासन का अद्भुत प्रबंध कौशल देखने को मिला। इस अवसर पर हरिद्वार की धर्म परायण जनता भी पूज्य संतों के स्वागत व अभिवादन के लिए खड़ी रही। शिवार्चन के दिन शाही स्नान पर ऐसा प्रतीत हो रहा था, मानो देवसत्ता हर्षित होकर पुष्पवर्षा कर रही हो।
महाशिवरात्रि के पावन पर्व पर उत्तराखंड प्रदेश के नवनियुक्त मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत आज श्री हरिहर आश्रम, कनखल स्थित भगवान महामृत्युंजय के दर्शन एवं जूनापीठाधीश्वर आचार्यमहामंडलेश्वर स्वामी अवधेशानन्द गिरि जी महाराज से शिष्टाचार एवं आध्यात्मिक चर्चा हेतु सपरिवार पधारे।
आज प्रथम शाही स्नान के अवसर पर ‘ आचार्यश्री’ जी का संदेश –
- बेटियों को समर्थ बनाओ।
- बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ।
- आत्म निर्भर भारत
- भारत का अध्यात्म और कौटुम्बिक प्रवृत्तियां सम्पूर्ण विश्व को सही दिशा देगी।
महाशिवरात्रि पर्व पर प्रथम शाही स्नान में प्रभु प्रेमी संघ की अध्यक्षा महामंडलेश्वर स्वामी नैसर्गिका गिरि जी, महामंडलेश्वर पूज्य स्वामी अपूर्वानन्द गिरि जी एवं बड़ी संख्या में पूज्य संत तथा साधक गण सम्मिलित हुए।