किन्नर अखाड़े ने निकाली भव्य पेशवाई

किन्नर अखाड़े ने निकाली भव्य पेशवाई,छोटी बेगम किन्नर अखाड़े में आने के बाद बनी कल्याणी नन्दगीरी,कहा महामंडलेश्वर बनने के बाद करूँगी धर्म का प्रचार प्रसार

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धर्मनगरी हरिद्वार में कुम्भ मेले का आगाज हो गया है सभी अखाड़े अपनी अपनी तैयारी में जुट गए है निरंजनी अखाड़े की भव्य पेशवाई के बाद जूना और अग्नि अखाड़े ने भी अपनी पेशवाई निकाली लेकिन इस पेशवाई में किन्नर अखाड़ा मुख्य आकर्षण का केंद्र बना रहा किन्नर अखाड़ा जूना अखाड़े के साथ मिलकर कुम्भ मेले की सभी गतिविधियों में साथ नजर आया नगर भ्रमण से लेकर धर्मध्वजा की स्थापना में किन्नर अखाड़ा जूना अखाड़े के साथ नजर आया किन्नर अखाड़े में हिंदू मुस्लिम सभी धर्म के किन्नर संत शामिल है हिन्दू धर्म के अलावा अन्य जो भी किन्नर अखाड़ा की सदस्यता ग्रहण करता है सबसे पहले उसका सनातनी धर्म मे परिवर्तन कराया जाता है पेशवाई में ऐसी ही एक मुस्लिम किन्नर संत भी शामिल रही जिसने अखाड़े के सभी रीति रिवाज को अपनाकर किन्नर अखाड़ा की सदस्यता ग्रहण की इसके अलावा किन्नर अखाड़ा में महिला संत भी शामिल है इस बार महाकुंभ मेले में कई किन्नरों को महामंडलेश्वर भी मनाया जाएगा इतिहास में पहली बार ऐसा हो रहा है कि किसी कुंभ में किन्नर अखाड़े को मान्यता मिली है

किन्नर अखाड़ा की आचार्य महामंडलेश्वर लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी का कहना है कि किन्नर कोई अलग नहीं है समाज का ही एक अंग है समाज को यह बात सोचनी चाहिए और इस बात पर समाज को आगे बढ़ कर बात करनी चाहिए हमने अपनी सभी मांगे जिलाधिकारी और मुख्यमंत्री को दे दी है और हमे विश्वास है कि सरकार हमारी बातों को मानेगी प्रशासन और जो इंक्लूजन की बात है वह संतो ने कह दिए हम जूना अखाड़ा के साथ हैं लेकिन हम अपनी अलग पहचान रखते हैं हमारी अलग एंटिटी हैं एक अलग अखाड़ा जैसे आह्वान अग्नि और अन्य अखाड़ा वैसे जूना अखाड़ा है और हमारे सारे महामंडलेश्वर आए हुए हैं और सभी मेंबर साथ हैं किन्नर अखाड़ा में हरिद्वार शहर के लोग भी आए हुए है इनका कहना है कि सबसे बड़ी बात है कि बदलाव सृष्टि का नियम है किन्नर अखाड़ा बदलाव का एक नाम है

वही किन्नर अखाड़ा में महामंडलेश्वर बनी छोटी बेगम का कहना है कि किन्नर अखाड़ा में आने के बाद कल्याणी नंदगिरी प्रयागराज की महामंडलेश्वर बनी हूं कुंभ मेले में मेरा पट्टा अभिषेक किया जाएगा महामंडलेश्वर पद पर इनका कहना है कि पहले मुझे छोटी चौरसिया कहा जाता था किन्नर समाज में मुस्लिम समाज की गद्दी होती है इसी कारण मेरे नाम के आगे छोटी बेगम भी लिखा जाता था इनका कहना है कि मेरा जन्म हिंदू परिवार मैं हुआ था किन्नर अखाड़ा में आकर मैं एक बार फिर अपने हिंदू परिवार में आ गई हु इसकी मुझे बहुत खुशी है इनका कहना है किन्नर समाज में कोई जात पात नहीं होती हम हर जाति के लोगों को महत्व देते हैं मेरे द्वारा हिंदू धर्म और सनातन परंपरा को आगे ले जाने के लिए कार्य किया जाएगा हमारे लिए बहुत ही सौभाग्य की बात है कि आज किन्नर अखाड़ा द्वारा भी पेशवाई निकाली गई हैं।

किन्नर अखाड़ा में शामिल होने के बाद छोटी बेगम अब कल्याणी नंदगिरी बन गई है और इस बात को लेकर उनमें काफी खुशी है कि वह एक बार फिर से अपने हिंदू धर्म में प्रवेश कर रही है और अब आगे उनके द्वारा हिंदू धर्म और सनातन परंपरा को बढ़ाने का कार्य किया जाएगा

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