ऑक्सीजन खत्म होने से 5 मरीजो की मौत,जिलाधिकारी ने बिठाई मजिस्ट्रियल जांच

हॉस्पिटल में ऑक्सीजन खत्म होने से 5 मरीजो की मौत,जिलाधिकारी ने बिठाई मजिस्ट्रियल जांच

रूड़की के एक निजी अस्पताल में उपचाराधीन पांच लोगों की मौत के मामले में जिलाधिकारी ने मजिस्ट्रियल जांच बिठा दी है।
आपको बता दें कि ऑक्सीजन की कमी होने से सोमवार देर रात पांच लोगों की अस्पताल में उपचार के दौरान मौत हो गयी थी। वहीं इस मामले में अभी तक अस्पताल की ओर से कोई पक्ष मीडिया के सामने नही आया है।
रूड़की के विनय विशाल अस्पताल में करीब 80 मरीज कोविड का उपचार करवा रहे थे। जिसमें से कई लोग सांस की कमी होने के कारण ऑक्सीजन पर थे। बताया गया है। कि सोमवार रात करीब 12:30 बजे अस्पताल चिकित्सकों द्वारा मरीजों के तीमारदारों को बताया गया कि अस्पताल में ऑक्सीजन खत्म होने वाली है। और वह लोग अपने मरीजों को कहीं और ले जाएं जहां ऑक्सीजन की व्यवस्था हो। वहीं अस्पताल की ओर से इस प्रकार की बात सुनकर परिजनों में अफरातफरी मच गई और उन्होंने अपने स्तर से भी भागदौड़ शुरू की। वहीं बताया गया है। कि रात करीब 2 बजे ऑक्सीजन खत्म हुई तो कुछ लोगों के प्रयास से छोटे ऑक्सीजन सिलेण्डरों का इंतजाम अस्पताल प्रबंधन ने किया और मरीजों को ऑक्सीजन देने का प्रयास किया लेकिन रात करीब 3 बजे तक यह ऑक्सीजन भी समाप्त हो गयी। इसके बाद अस्पताल प्रबंधन भी ऑक्सीजन का इंतजाम नही कर पाया हालांकि कुछ मरीजों की माने तो अस्पताल प्रबंधन पूरी तरह प्रयास में जुटा रहा और सुबह 5 बजे जाकर ऑक्सीजन का इंतजाम हो पाया और मरीजों को ऑक्सीजन मिल पाई। अस्पताल की ओर से मरीजों के तीमारदारों को बताया गया कि उन्हें मिलने वाला ऑक्सीजन का कोटा सरकार की ओर से आधा कर दिया गया है। वहीं बताया गया कि इस बीच 5 मरीजों की मौत हुई। हालांकि अस्पताल प्रबंधन से इस सम्बंध में पूछने के लिए सुबह से लगातार फोन किया गया लेकिन उन्होंने फोन नही उठाया। वहीं इस पूरे प्रकरण पर जिलाधिकारी हरिद्वार सी रवि शंकर के द्वारा पूरे प्रकरण की मजिस्ट्रियल जाँच बैठा दी गयी है। ज्वाइन्ट मजिस्ट्रेट नमामि बंसल ने बताया कि मामला बहुत गम्भीर है। साथ ही मामले में मजिस्ट्रियल जांच बिठा दी गयी है। जिसके पैनल में प्रशासन के अलावा मेडिकल एक्सपर्ट को भी शामिल किया गया है। जांच के बाद स्थिति स्पष्ट हो जाएगी कि खामी कहाँ रही है।वहीं मृतक के परिजनों ने जॉइंट मजिस्ट्रेट से मिलकर अस्पताल प्रबन्धन पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए अस्पताल प्रबन्धन पर कार्रवाई की मांग की है।

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